Thursday, 19 December 2013

यारी

तेरा रूठने कि अदा है बरी प्यारी,
इसी अदा पे है हाज़िर जान हमारी,
चंदा जैसे मुखरे पे हँसी तेरी निराली,
ऐसे ही खिलती रहे खट्टी मीठी तेरी मेरी यारी ।

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