तेरा रूठने कि अदा है बरी प्यारी,
इसी अदा पे है हाज़िर जान हमारी,
चंदा जैसे मुखरे पे हँसी तेरी निराली,
ऐसे ही खिलती रहे खट्टी मीठी तेरी मेरी यारी ।
इसी अदा पे है हाज़िर जान हमारी,
चंदा जैसे मुखरे पे हँसी तेरी निराली,
ऐसे ही खिलती रहे खट्टी मीठी तेरी मेरी यारी ।
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