Sunday 8 June 2014

शायरी

(१ )

तेरी होंटो की ज़ुबान,
कही चुरा न ले मेरी जान ।
दिल की धड़कनो में तेरा नाम,
तेरे प्यार में रंगीन हर एक शाम ।

(२ )

तेरी हर अदा ने मुझे मारा !
तेरा मुस्कुराना,
रूठना, बलखाना,
मचलना, सवर्ना ;


शर्माके क़ातिल नज़रो का इशारा !
तेरी हर अदा  ने मुझे मारा ।

लूट गया बर्बाद हुआ बदनाम हुआ ;
दिल से बेबस, दुनिया से बेगाना हुआ;
तेरे लीए मेरे यारा !

बेपनाह मुसाफिर होके
भटकता रहा होके बेचैन ;
नींद न आई,
तेरे दीदार को तरसी मेरे नैन ।

तेरे पलकों की छाओं में सुकून ढूंढे दिल
अँधेरी दुनिया में ढूंढे तेरे प्यार का महफ़िल ।


अब बस देदे मुझे तेरे हुस्न का नज़ारा,
बस देदे मुझे तेरे नर्म ज़ुल्फो का सहारा ।